गांड मारने चला गया
Gaand marne chala gaya:
antarvasna, kamukta मैंने कुछ समय पहले ही एक कॉलोनी में घर लिया, मैंने अपना पुराना घर बेच दिया था क्योंकि अब वहां पर रहना मेरे लिए ठीक नहीं था वहां पर मुझे रहते हुए काफी समय हो चुका था परंतु जो मेरे पड़ोसी थे उनके साथ हमारी बिल्कुल भी नहीं बनती थी इसलिए मैंने उस घर को बेचना उचित समझा। काफी समय तक तो मुझे उस घर का कोई अच्छा खरीदार नहीं मिला लेकिन जैसे ही मुझे लगा कि अब मुझे यह घर किसी भी दाम पर बेच देना चाहिए तो मैंने वह घर बेच दिया और दूसरी कॉलोनी में मैंने घर ले लिया, मुझे नई कॉलोनी में आकर अच्छा लग रहा था क्योंकि जिस कॉलोनी में मैंने घर लिया था वहां पर काफी शांति थी और सब लोग बड़े ही अच्छे है, धीरे धीरे मेरी भी सब लोगों से बात होने लगी, हमारे बिल्कुल पड़ोस के घर पर एक शर्मा जी रहते हैं एक दिन मैं अपने काम से लौट ही रहा था कि शर्मा जी मुझे रास्ते में दिखे और शर्मा जी कहने लगे अरे साहब आप तो बहुत ज्यादा बिजी रहते हैं, मैंने शर्मा जी से कहा बस मेरा काम ही ऐसा है कि आते वक्त बहुत देर हो जाती है।
शर्मा जी मुझे कहने लगे कि अरे मनीष जी कभी हम लोगों के साथ भी समय बिताया कीजिए। वह लोग रात के वक्त हमारे कॉलोनी के बाहर एक दुकान है वहां पर बैठा करते थे मैंने भी उनके साथ बैठना शुरु कर दिया, हमारी कॉलोनी के लगभग सारे पुरुष वहां पर आया करते अब मेरी सब लोगों से जान पहचान होने लगी थी और मुझे बहुत अच्छा भी लगता, मैंने जब उन लोगों से बताया कि मेरा इस कॉलोनी में आने का कारण क्या था तो सब लोग कहने लगे कि यहां पर आपको कोई भी तकलीफ नहीं होगी यहां का माहौल बड़ा ही अच्छा है हम सब लोग यहां काफी वर्षो से रह रहे हैं लेकिन कभी भी कॉलोनी में किसी को एक दूसरे से कोई शिकायत नहीं हुई सब लोग बड़े ही प्यार और प्रेम से रहते हैं। मैंने जब यह बात सुनी तो मैंने उन्हें कहा कि वह तो आप सब लोगों की बातों से लगता है, शर्मा जी से मेरी तो बहुत ही घनिष्ट मित्रता हो चुकी थी शर्मा जी भी मेरे घर पर अक्सर आ जाया करते थे लेकिन मैं घर पर ज्यादा नहीं होता था इसलिए जब भी मैं घर पर होता तो उनसे जरूर मुलाकात होती और मैं भी उनके घर पर चला जाया करता था।
एक दिन मुझे शर्मा जी दुकान के बाहर मिले और कहने लगे कि मनीष जी हम लोगों ने पिकनिक पर जाने की सोची है क्या आपके पास इस रविवार को समय है, मैंने शर्मा जी से कहा कि हां इस रविवार को तो मैं घर पर ही हूं यदि आप लोगों ने घूमने का प्लान बनाया है तो मैं अपनी पत्नी से इस बारे में बात कर लेता हूं, शर्मा जी कहने लगे कि मैंने भाभी जी को तो इस बारे में बता दिया है वह मुझे कह रही थी कि वह आपसे ही पूछ कर कोई निर्णय लेंगी, मैंने शर्मा जी से कहा शर्मा जी हम लोग आपके साथ आ रहे हैं और कौन-कौन पिकनिक पर जा रहा है, वह कहने लगे हमारी कॉलोनी के लगभग सभी लोग पिकनिक पर जा रहे हैं और हम लोगों ने उसके लिए बस भी बुक करवा ली है, मैंने शर्मा जी से कहा कि चलिए आज घर पर चलिए, शर्मा जी कहने लगे नहीं मैं घर चलता हूं मैंने उन्हें जोर देते हुए कहा तो वह मेरे साथ आ गए और उस दिन हम दोनों साथ में बैठ गए, मैंने उस दिन पहली बार शर्मा जी से पूछा कि शर्मा जी क्या आप शराब पीते हैं? वह कहने लगे मैं कभी-कभार पी लिया करता हूं लेकिन मैं बहुत कम पिया करता हूं। मैंने कहा कोई बात नहीं आज आप हमारे साथ भी लीजिए, मैं और शर्मा जी उस दिन शराब पीने के लिए बैठ गए हम दोनों ने ज्यादा तो नहीं पी लेकिन हम दोनों बैठकर एक दूसरे से बात कर रहे थे, शर्मा जी कहने लगे कि यहां कॉलोनी में सब लोग बहुत ही अच्छे हैं आप को यहां का माहौल तो पता चल ही गया होगा, मैंने शर्मा जी से कहा हां मुझे तो यहां पर आकर बहुत अच्छा लग रहा है पहले जहां मैं रहता था वहां तो हमेशा ही मेरे पड़ोसी हमसे झगड़ा करने आ जाते थे और इसी वजह से मैंने वहां का घर बेच दिया, शर्मा जी कहने लगे आप जब पिकनिक में आएंगे तो आपको लगेगा कि यहां पर सब लोग कितने अच्छे तरीके से रहते हैं।
हम लोगों ने काफी देर तक बात की शर्मा जी कहने लगे कि अब मुझे घर जाना चाहिए काफी देर हो चुकी है, शर्मा जी अपने घर चले गए और मेरी पत्नी मुझे कहने लगी कि आप लोग आज काफी देर तक बैठे हुए थे, उसे शर्मा जी के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था मैंने जब उसे बताया कि शर्मा जी रेलवे से रिटायर है तो वह कहने लगी लेकिन शर्मा जी बड़े ही अच्छे व्यक्ति हैं उनके बात करने का लहजा और उनकी पत्नी का व्यवहार भी बहुत अच्छा है, मैंने अपनी पत्नी से कहा कि हम लोग पिकनिक पर रविवार को जा रहे हैं तो तुम सारी तैयारी कर लेना और इस बारे में शर्मा जी की पत्नी से भी बात कर लेना, वह कहने लगी कि हां मैंने उनसे पहले ही बात कर ली थी। मैंने भी शनिवार तक अपने सारे काम निपटा लिए और रविवार को जब हम लोग सुबह पिकनिक पर गए तो मुझे तो बड़ा अच्छा लगा सब लोग बड़ी खुशी से इंजॉय कर रहे थे और बच्चे भी बड़े अच्छे से खेल रहे थे, मैंने शर्मा जी से कहा कि आप बिल्कुल सही कह रहे थे यहां कॉलोनी में सब लोग बहुत अच्छे हैं, जब शाम को हम लोग घर लौट आए तो उस दिन घर पर हमारे एक रिश्तेदार आए हुए थे मैंने उन्हें जैसे ही देखा तो मैंने उन्हें कहा कि आप कब आए? वह कहने लगे कि मैं तो कब से आ गया था लेकिन तुम लोगों का फोन ही नहीं लग रहा था, मैंने उन्हें बताया कि आज हम लोग पिकनिक पर गए थे इसलिए शायद मेरा फोन नहीं लग रहा होगा और मैंने फोन बंद भी किया था।
मैंने जब अपना फोन खोला तो उसमें उनके मैसेज आए हुए थे मैंने उन्हें कहा आप आइए, मैंने आपको इतनी देर इंतजार करवाया, वह कहने लगे कोई बात नहीं बेटा कभी-कभार ऐसा हो जाता है। मेरी और मेरी पत्नी ने उनके लिए उस दिन जल्दी से खाना तैयार किया और उन्हें खाना खिलाया वह मेरे दूर के रिश्तेदार हैं और मेरे बिजनेस के भी हिस्सेदार है इसलिए वह अक्सर मुझसे मिलने के लिए आ जाया करते हैं हम दोनों साथ में बैठ कर बात कर रहे थे तो वह कहने लगे कि मनीष बेटा आजकल काम काफी धीमा चल रहा है तुम्हें कुछ और सोचना पड़ेगा नहीं तो ऐसे में काम की स्थिति खराब होती चली जाएगी, मैंने उन्हें कहा हां मैं इस बारे में सोच रहा था कि कैसे काम को और बढ़ाया जाए, वह कहने लगे कि तुम जल्दी से कोई निर्णय लो और मुझे इस बारे में बताना यदि पैसों की कोई आवश्यकता हो तो तुम मुझे उसके बारे में भी बता देना, मैंने उन्हें कहा ठीक है मैं आपको इस बारे में बता दूंगा। अगले दिन वह चले गए और मैं अपने ऑफिस चला गया मैं अपने ऑफिस गया तो मुझे शर्मा जी का फोन आ गया। शर्मा जी कहने लगे मुझे आपसे एक काम था, मैंने शर्मा जी से कहा कि सर मैं अभी तो बाहर आया हुआ हूं मैं शाम के वक्त आपको मिल पाऊंगा, वह कहने लगे कोई बात नहीं आप शाम के वक्त ही मुझे मिल लेना। मैंने उनका फोन रख दिया और शाम के वक्त मैं उनसे मिला। मैं जब शर्मा जी से मिला तो शर्मा जी मुझे कहने लगे मुझे आज आपसे एक बहुत जरुरी बात करनी है। मैंने उन्हें कहा हां शर्मा जी काहिए आपको क्या बात करनी है। वह मुझे कहने लगे आज कल हमारी कॉलोनी में एक नया परिवार रहने आया है उनकी पत्नी का कैरेक्टर ठीक नहीं है मैंने सोचा मैं आपको इस बारे में बताऊ।
उन्होंने मुझे उन व्यक्ति का घर बता दिया और कहने लगे मैंने उनका नंबर भी ले लिया है। मैंने भी उनसे उस महिला का नंबर ले लिया जब मैंने उस महिला को फोन किया तो वह मुझसे बड़ी ही सेक्सी अंदाज में बात करने लगी उसकी बातों से ही अंदाजा लग रहा था कि वह एक नंबर की जुगाड़ है। मैंने उसे बताया कि मैं तुम्हारी कॉलोनी में ही रहता हूं तो उसने एक शाम मुझे अपने पास बुला लिया। जब मैं उससे मिलने के लिए गया तो मैंने शर्मा जी को भी बता दिया शर्मा जी और मैं उस महिला के घर पर गए जब हम लोग उसके घर पर गए तो मैंने जैसे ही उसके बदन को देखा तो मैं उसे देखकर बड़ा ही उत्तेजित हो गया। मैंने जब उसके बदन को छूने की कोशिश की तो वह कहने लगी कि मैं तुम्हें अपना बदन छूने नहीं दूंगी तुम्हें मुझे उसके बदले कुछ देना होगा। मैंने अपनी जेब से 2000 रु निकाले और उस महिला को दिए।
मेरा हाथ पकड़ते हुए वह अपने कमरे में ले गई शर्मा जी बाहर हॉल में ही बैठे हुए थे। जब उसने मेरे सामने अपने कपड़े उतारे तो मैं उसे देखता ही रहा मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया और उसके स्तनों का भी मैंने भरपूर आनंद लिया उसके बड़े बड़े स्तनों से तो मैंने दूध भी निकाल कर रख दिया। जब उसके स्तनों से दूध निकल गया तो मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अंदर डाल दिया मेरा लंड उसकी चूत में जाते ही गहराई मे खो गया। मैं जैसे ही उसे धक्के देता तो उसके मुंह से तेज आवाज निकल जाती उसकी आवाज से मेरे अंदर और जोश बढ़ जाता मेरे अंदर इतना जोश बढ़ गया कि मैंने उसकी चूत का भोसड़ा बना कर रख दिया। जब उसकी चूत का भोसड़ा बन गया तो शर्मा जी ने रही सही कसर पूरी कर दी हम दोनों ने उसकी चूत के बड़े आनंद लिए यह बात शर्मा जी और मेरे बीच में ही है, क्योंकि हम यह बात किसी को नहीं बताना चाहते थे नहीं तो कोई और भी उसके पास चला जाता। हम दोनों का जब भी मन करता तो हम दोनों उसे चोदने के लिए चले जाते मैं तो एक दिन उससे मिलने गया और उस दिन मैंने उसकी गांड मारी। उसकी गांड मारने का आनंद का एक अलग ही प्रकार का मजा था मेरे लिए तो जैसे यह एक अलग ही अनुभूति थी।
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